- जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई / सूरदास
- जननी देखि, छबि बलि जाति / सूरदास
- जननी बलि जाइ हालक हालरौ गोपाल / सूरदास
- जनम अकारथ खोइसि / सूरदास
- जनवाणी / महेन्द्र भटनागर
- जनवादी / महेन्द्र भटनागर
- जनसंघर्ष / रति सक्सेना
- जनहित / जयप्रकाश मानस
- जनाब / भारत यायावर
- जन्म-कुंडली / कुंवर नारायण
- जन्म-खंड / मलिक मोहम्मद जायसी
- जन्म-दिन / महेन्द्र भटनागर
- जन्म-भूमि / शैलेन्द्र
- जन्म-मृत्यु / महेन्द्र भटनागर
- जन्म दिन / राजा खुगशाल
- जन्म दिन मुबारक हो माँ !/ भावना कुँअर
- जन्म शताब्दियों वाला वर्ष / कुमार विकल
- जन्मकथा / अशोक वाजपेयी
- जन्मदिन / नेमिचन्द्र जैन
- जन्मभूमि / अजित कुमार
- जन्मभूमि / अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
- जन—कथाओं के नायक बनें / जहीर कुरैशी
- जप-तप / अजित कुमार
- जब-जब / महेन्द्र भटनागर
- जब-जब झाँका मैंने / अनिल जनविजय
- जब आग लगे... / रामधारी सिंह "दिनकर"
- जब कभी उन के तवज्जो में कमी पाई गई / साहिर लुधियानवी
- जब कभी उनको उघड़ा जाएगा / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
- जब कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है / मुनव्वर राना
- जब कभी तेरा नाम लेते हैं / सरदार अंजुम
- जब कभी प्यार ज़माने से खार खाता है / विनय कुमार
- जब कभी हो ज़िक्र मेरा / जयप्रकाश मानस
- जब कहीं चोट लगती है / भगवत रावत
- जब काली रात बहुत गहराती है/ लावण्या शाह
- जब किसी से कोई गिला रखना / निदा फ़ाज़ली
- जब खेली होली नंद ललन / नज़ीर अकबराबादी
- जब जब झाँका मैंने / अनिल जनविजय
- जब तक सपने, तब तक यौवन / सुमित्रा कुमारी सिन्हा
- जब तुम नहीं रहतीं / लाल्टू
- जब तुम ही चले परदेस / रतन
- जब तेरा हुक्म मिला / अहमद नदीम क़ासमी
- जब तेरी समन्दर आँखों में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
- जब तैं आँगन खेलत देख्यौ, मैं जसुदा कौ पूत री / सूरदास
- जब दधि-मथनी टेकि अरै / सूरदास
- जब दधि-रिपु हाथ लियौ / सूरदास
- जब दुख में अबला रोती है / देवी नांगरानी
- जब देखा सौंदर्य / त्रिलोचन
- जब नज़र आप की हो गई है / फ़िराक़ गोरखपुरी
- जब नींद नहीं आती होगी / रामेश्वर शुक्ल 'अंचल'
- जब पत्ते झर रहे होते हैं / सविता सिंह
- जब पपीहे ने पुकारा / अज्ञेय
- जब पुकारती है कोयल / तो हू
- जब बाढ़ आती है / विनोद कुमार शुक्ल
- जब भाई को बिठाया था / रमेश पाण्डेय
- जब भी अपने आपसे ग़द्दार हो जाते हैं लोग / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- जब भी उठो लिहाफ़ हटाकर सुबह-सुबह / विनय कुमार
- जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है/ मुनव्वर राना
- जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग / साहिर लुधियानवी
- जब भी तन्हाई से घबरा के / सुदर्शन फ़ाकिर
- जब भी दिल ने दिल को सदा दी / निदा फ़ाज़ली
- जब मिलेगी रोशनी मुझसे मिलेगी / रामावतार त्यागी
- जब मुझे / सुभाष नीरव
- जब मैं लौटूंगा / विशाल
- जब मोहन कर गही मथानी / सूरदास
- जब यह दीप थके / महादेवी वर्मा
- जब यह दीप थके तब आना / महादेवी वर्मा
- जब यार देखा नैन भर / अमीर खुसरो
- जब ये शब्द भी भोथरे हो जाएंगे / गिरिधर राठी
- जब रंगों की बात चलती है / शहंशाह आलम
- जब लगे ज़ख़्म तो / जाँ निसार अख़्तर
- जब वर्षा शुरु होती है / केदारनाथ सिंह
- जब वसन्त आया / मोहन राणा
- जब सब गाइ भईं इक ठाईं / सूरदास
- जब सूरज जग जाता है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जब से चक्षु मिलन हुआ तुमसे / तारा सिंह
- जब से देखा है तिरे हाथ का चांद / नासिर काज़मी
- जब हम तुम मिले-1 / वेणु गोपाल
- जब हम तुम मिले-2/ वेणु गोपाल
- जम और जमाई / काका हाथरसी
- जमुन-जल मेघ / बुद्धिनाथ मिश्र
- जय-बेला / महेन्द्र भटनागर
- जय अम्बे गौरी / आरती
- जय गणेश देवा / आरती
- जय जय राजस्थान / राजस्थानी
- जय प्रकाश मानस
- जय बोल बेईमान की / काका हाथरसी
- जय बोलो बेईमान की / काका हाथरसी
- जय भारत / मैथिलीशरण गुप्त
- जय राष्ट्रिय निशान / सोहनलाल द्विवेदी
- जय लक्ष्मी माता / आरती
- जय शिव ॐकारा / आरती
- जय श्रीकृष्ण / आरती
- जय संतोषी माता / आरती
- जय हिन्द / महेन्द्र भटनागर
- जय हो, हे संसार तुम्हारी / हरिवंशराय बच्चन
- जय हो जय हो सबकी जय हो / अरुण कमल
- जयघोष / महेन्द्र भटनागर
- जयति नँदलाल जय जयति गोपाल / सूरदास
- जयद्रथ-वध / द्वितीय सर्ग / भाग १ / मैथिलीशरण गुप्त
- जयद्रथ-वध / द्वितीय सर्ग / भाग २ / मैथिलीशरण गुप्त
- जयद्रथ-वध / प्रथम सर्ग / भाग १ / मैथिलीशरण गुप्त
- जयद्रथ-वध / प्रथम सर्ग / भाग २ / मैथिलीशरण गुप्त
- जयद्रथ-वध / मैथिलीशरण गुप्त
- जयशंकर प्रसाद / परिचय
- जयौ रांम गोब्यंद बीठल बासदेव / रैदास
- जरमन तेरा जाइयो राज / हरियाणवी
- जरमन नैं गोला मारिया / हरियाणवी
- जरूरी पत्रों का खोना / शहंशाह आलम
- जरूरी है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जर्णा का अंग / कबीर
- जर्मन शोकगीत / जेम्स फ़ेंटन
- जल-वृष्टि / महेन्द्र भटनागर
- जल / कविता वाचक्नवी
- जल गई है कोई कंदील मेरे भीतर/ हेमन्त शेष
- जल गगन मगन / गगन गिल
- जल मगन मगन / गगन गिल
- जल रहा है / ओमप्रकाश चतुर्वेदी 'पराग'
- जल रहा है / केदारनाथ अग्रवाल
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह सुमन / भाग १
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह सुमन / भाग २
- जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी / शिवमंगल सिंह सुमन / भाग ३
- जलता मकान / विनोद भारद्वाज
- जलती हुई औरत का वक्तव्य / स्नेहमयी चौधरी
- जलते रहना / महेन्द्र भटनागर
- जलते रहो / महेन्द्र भटनागर
- जलयान पर / अनातोली पारपरा
- जलरुद्ध दूब / त्रिलोचन
- जलसाघर(कविता) / श्रीकांत वर्मा
- जलसाघर / श्रीकांत वर्मा
- जला के तीलियाँ अब दोस्त मिलने आया है / ज्ञान प्रकाश विवेक
- जला के मशाल-ए-जान हम जुनूं सिफात चले / मजरूह सुल्तानपुरी
- जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना / गोपालदास "नीरज"
- जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना / गोपालदास "नीरज"
- जलाशय के / केदारनाथ अग्रवाल
- जली हुई देह / गोविन्द माथुर
- जलो-जलो / महेन्द्र भटनागर
- जल्दी करो / महेन्द्र भटनागर
- जल्लाद / रशीद हुसैन
- जवानी / महेन्द्र भटनागर
- जवानी / माखनलाल चतुर्वेदी
- जवानों का गीत / महेन्द्र भटनागर
- जवाब / नीलाभ
- जश्न में हरगिज़ न जाऊँगा मुझे करना मुआफ़ / विनय कुमार
- जश्ने ग़ालिब / साहिर लुधियानवी
- जसुदा! तेरौं मुख हरि जोवै / सूरदास
- जसुदा! यह न बूझि कौ काम / सूरदास
- जसुदा ! देखि सुत की ओर / सूरदास
- जसुदा कहँ लौं कीजै कानि / सूरदास
- जसुदा तोहिं बाँधि क्यौं आयौ / सूरदास
- जसुदा मदन गोपाल सोवावै / सूरदास
- जसुमति, किहिं यह सीख दई / सूरदास
- जसुमति कहति कान्ह मेरे प्यारे / सूरदास
- जसुमति कान्हहि यहै सिखावति / सूरदास
- जसुमति जबहिं कह्यौ अन्वावन / सूरदास
- जसुमति दधि मथन करति / सूरदास
- जसुमति दौरि लिए हरि कनियाँ / सूरदास
- जसुमति दौरि लिये हरि कनियां / सूरदास
- जसुमति भाग-सुहागिनी, हरि कौं सुत जानै / सूरदास
- जसुमति मन अभिलाष करै / सूरदास
- जसुमति रिस करि-करि रजु करषै / सूरदास
- जसुमति लै पलिका पौढ़ावति / सूरदास
- जसोदा, तेरो भलो हियो है माई / सूरदास
- जसोदा, तेरौ चिरजीवहु गोपाल / सूरदास
- जसोदा ! कान्हहु तैं दधि प्यारौ / सूरदास
- जसोदा ऊखल बाँधे स्याम / सूरदास
- जसोदा हरि पालनैं झुलावै / सूरदास
- जहाँ चट्टानें भाषा जानती हैं / सविता सिंह
- जहाँ तुमने / भगवत रावत
- जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं / निदा फ़ाज़ली
- जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र
- जहाँ बर्फ की निर्मम परती रहती है / विनय कुमार
- जहाँ रात गिरती है / मधु शर्मा
- जहाँ सोच रही है धूप / सविता सिंह
- जहां थोड़ा-सा सूर्योदय होगा / चन्द्रकान्त देवताले
- जहां थोड़ा-सा सूर्योदय होगा / चन्द्रकान्त देवताले
- ज़ख़्म को फूल तो सर को सबा कहते हैं/ फ़राज़
- ज़ख़्म जो आप की इनायत है / सुदर्शन फ़ाकिर
- ज़ख्म था ज़ख्म का निशान भी था / श्याम सखा 'श्याम'
- ज़बाँ सुख़न को, सुख़न बाँकपन को तरसेगा / नासिर काज़मी
- ज़ब्त किस इम्तहान तक पहुँचा / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- ज़माना आ गया / बलबीर सिंह 'रंग'
- ज़माना आज नहीं / जाँ निसार अख़्तर
- ज़माने से रिश्ता बनाकर तो देखो / देवी नांगरानी
- ज़मीं-ओ-आसमाँ मुमकिन है / इक़बाल
- ज़मीं की प्यास ने जब भी नदी को दी है सदा / शैलेश ज़ैदी
- ज़मीं पर तो आइए / विजय वाते
- ज़मीं पे फ़स्ल-ए-गुल आई फ़लक पर माहताब आया / शकील बँदायूनी
- ज़मीन, समुद्र, आकाश और चिड़िया / राजा खुगशाल
- ज़मीन छोड़ कर ऊँची उड़ान में ही रहा / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
- ज़मीन पर फ़स्ले-गुल आई / शकील बँदायूनी
- ज़मीन से दूर / शहरयार
- ज़रा झाँक कर ख़ुद से बाहर तो देखो / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- ज़रा ठहरो / नीलेश रघुवंशी
- ज़रा मुस्कुरा तो दे / अशोक चक्रधर
- ज़रा सा क़तरा कहीं / वसीम बरेलवी
- ज़रा सी बात पे हर रस्म / जाँ निसार अख़्तर
- ज़रूरत / अजित कुमार
- ज़रूरी / महेन्द्र भटनागर
- ज़रूरी पत्रों का खोना / शहंशाह आलम
- ज़रूरी है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ज़र्द चेहरों पे क्यों पसीना है / साग़र पालमपुरी
- ज़हर-ए-ग़म कर चुका था मेरा काम / ग़ालिब
- ज़हरवाले न हों कोई जगह ऐसी नहीं होती / विनय कुमार
- ज़हानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला / निदा फ़ाज़ली
- ज़ह्र पी लेते हैं क्यों लोग परीशां होकर / ज़ैदी जाफ़र रज़ा
- ज़िंदगानी का कोई मक़सद नहीं है / दुष्यंत कुमार
- ज़िंदगी / पूर्णिमा वर्मन
- ज़िंदगी एक आह होती है / देवी नांगरानी
- ज़िंदगी और बता तेरा इरादा क्या है / रामावतार त्यागी
- ज़िंदगी कर दी सनम तेरे हवाले अब तो
- ज़िंदगी का गीत यूँ तो अब नए सुर—ताल पर है / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- ज़िंदगी जैसी तवक्को थी नहीं / शहरयार
- ज़िंदगी यूँ भी जली / कुँअर बेचैन
- ज़िक्र उस परी-वश का / गा़लिब
- ज़िक्र उस परीवश का और फिर बयाँ अपना / ग़ालिब
- ज़िद / परवीन शाकिर
- ज़िद में बसने की भटकना होगा अब बसेरा कहीं नहीं दिखता / विनय कुमार
- ज़िन्दगी/ कुँअर बेचैन
- ज़िन्दगी / कुँअर बेचैन
- ज़िन्दगी / देवेन्द्र सैफ़ी
- ज़िन्दगी / महेन्द्र भटनागर
- ज़िन्दगी का तर्जुमा / कुमार मुकुल
- ज़िन्दगी का दर्द लेकर इन्क़लाब आया तो क्या / शकील बँदायूनी
- ज़िन्दगी का नमक / निर्मला गर्ग
- ज़िन्दगी किराये का मकान बन गयी / शैलेश ज़ैदी
- ज़िन्दगी की शाम / महेन्द्र भटनागर
- ज़िन्दगी के चन्द लम्हे... / देवी नांगरानी
- ज़िन्दगी के लिए इक ख़ास सलीक़ा रखना / ज्ञान प्रकाश विवेक
- ज़िन्दगी कैसे बदलती है / महेन्द्र भटनागर
- ज़िन्दगी को मज़ाक में लेकर / तेजेन्द्र शर्मा
- ज़िन्दगी जब भी तेरी बज़्म में / शहरयार
- ज़िन्दगी जैसी तमन्ना थी / शहरयार
- ज़िन्दगी तुझ को जिया है / सुदर्शन फ़ाकिर
- ज़िन्दगी प्रश्न करती रही / राकेश खंडेलवाल
- ज़िन्दगी बीत रही है / नाज़िम हिक़मत
- ज़िन्दगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात / साहिर लुधियानवी
- ज़िन्दगी भर समारोह ज़िन्दगी के / हेमन्त शेष
- ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं / क़तील
- ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार
- ज़िन्दगी ये तो नहीं, तुझको सँवारा ही न हो / जाँ निसार अख़्तर
- ज़िन्दगी से उजाले गए / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- ज़िन्दगी से उन्स है / साहिर लुधियानवी
- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे / फ़राज़
- ज़िन्दगी है तो ज़रूरी है कहानी होना / जहीर कुरैशी
- ज़िन्दा रहने की ख़्वाहिश / परवीन शाकिर
- ज़िन्दा रहने की शर्त / शहरयार
- ज़ियादा चुप ही रहे वो / सुरेश चन्द्र शौक़
- ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल / अमीर खुसरो
- ज़ीस्त आज़ार हुई जाती है / अहमद नदीम क़ासमी
- ज़ुबान / वरवर राव
- ज़ुर्म / अरुण कमल
- ज़ुल्मतकदे में मेरे शब-ए-ग़म का जोश है / ग़ालिब
- ज़ेब्न्यू हर्बर्त
- ज़ेहन में और कोई डर नहीं रहने देता / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- ज़ेह्न अपना झँझोड़ कर देखो / साग़र पालमपुरी
- ज़ौर से बाज़ आये पर बाज़ आये क्या / ग़ालिब
- ज़्यादा सही कविता / वीरा
- जा कर / गगन गिल
- जा पास मौलवी के / रामावतार त्यागी
- जा भाग्यानी तू मैत न्है जा / गढ़वाली
- जा रहे हो, मगर, लौटना / जहीर कुरैशी
- जाँच-पड़ताल / महमूद दरवेश
- जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे / विद्यापति
- जाइत पेखलि नहायलि गोरी / विद्यापति
- जाइये-आइये / दिविक रमेश
- जाऊँ हूँ जी जाऊँ हूँ / गगन गिल
- जाएँ तो जाएँ कहाँ / साहिर लुधियानवी
- जाओ / प्रयाग शुक्ल
- जाओ कल्पित साथी मन के / हरिवंशराय बच्चन
- जाओ नहीं / महेन्द्र भटनागर
- जाके लिए घर आई घिघाय
- जाग-जाग सुकेशिनी री! / महादेवी वर्मा
- जाग जाग सुकेशिनी री! / महादेवी वर्मा
- जाग तुझको दूर जाना / महादेवी वर्मा
- जाग तुझको दूर जाना है / महादेवी वर्मा
- जाग रहे हैं / प्रयाग शुक्ल
- जागते रहना / महेन्द्र भटनागर
- जागते रहेंगे / महेन्द्र भटनागर
- जागते रहो सोने वालो / गोरख पाण्डेय
- जागना अपराध / माखनलाल चतुर्वेदी
- जागने का लुत्फ़ / शहरयार
- जागरण (अंतराल) / महेन्द्र भटनागर
- जागरण / अरुण कमल
- जागरण / महेन्द्र भटनागर
- जागहु-जागहु नंद-कुमार / सूरदास
- जागहु लाल, ग्वाल सब टेरत / सूरदास
- जागहु हो ब्रजराज हरी / सूरदास
- जागिए, व्रजराज-कुँवर, कमल-कुसुम फूले / सूरदास
- जागिए गोपाल लाल, आनँद-निधि नंद-बाल / सूरदास
- जागिए ब्रजराज कुंवर / सूरदास
- जागिये गुपाल लाल! / सूरदास
- जागियै गोपाल लाल, प्रगट भई अंसु-माल / सूरदास
- जागो (हँस-हँस गाने गाएँ हम) / महेन्द्र भटनागर
- जागो / महेन्द्र भटनागर
- जागो फिर एक बार / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- जागो म्हांरा जगपतिरायक हंस बोलो क्यूं नहीं / मीराबाई
- जागौ, जागौ हो गोपाल / सूरदास
- जागौ हो तुम नँद-कुमार / सूरदास
- जाट का मैं लाडला / हरियाणवी
- जाड़ा / ज्यून तकामी
- जाड़ा / तो हू
- जाड़ा / राजा खुगशाल
- जाड़े की धूप / पूर्णिमा वर्मन
- जाड़े की साँझ / माखनलाल चतुर्वेदी
- जाड़े के बर्फ़ीले दिन / आलोक श्रीवास्तव-१
- जाड़े को महसूस करूँ मैं ऎसे / ओसिप मंदेलश्ताम
- जाड़े में बरसात-1 / भारत यायावर
- जाड़े में बरसात-2 / भारत यायावर
- जाड़े में बरसात-3 / भारत यायावर
- जाड़ों मे / अज्ञेय
- जाता हुआ साल / अनातोली पारपरा
- जाती है धूप उजले परों को समेट के \ शकेब जलाली
- जाते जाते वो मुझे / जावेद अख़्तर
- जादू का टूटना / गोरख पाण्डेय
- जादू नहीं कविता / कात्यायनी
- जान-पहचाना रास्ता / ज्यून तकामी
- जान कर मिन-जुमला-ऐ-खासाना-ऐ-मैखाना मुझे / जिगर मुरादाबादी
- जान भर रहे हैं जंगल में / नागार्जुन
- जानकर अनजान बन जा / हरिवंशराय बच्चन
- जानकी नाथ सहाय करें / भजन
- जानत नहिं लगि मैं
- जानना / मोहन राणा
- जानना / रघुवीर सहाय
- जानवर / राजा खुगशाल
- जाना तय है / इला कुमार
- जाना था रास्ते में अगर छोड़ कर मुझे / सुरेश चन्द्र शौक़
- जाना है / अरुण कमल
- जाने, तुम कैसी डायन हो / नागार्जुन
- जाने कितने ही उजालों का दहन होता है / द्विजेन्द्र 'द्विज'
- जाने किस छल-पीड़ा से / सुमित्रानंदन पंत
- जाने किस जीवन की सुधि ले / महादेवी वर्मा
- जाने किस—किसका ख़्याल आया है / दुष्यंत कुमार
- जाने क्या टपके / अशोक चक्रधर
- जाने क्यों / नेमिचन्द्र जैन
- जाने क्यों लगता है / राकेश खंडेलवाल
- जाने दे आब यार विजय / विजय वाते
- जाने न देना / प्रयाग शुक्ल
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