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All items (453)
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अंगार कैसे आ गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
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अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा / बशीर बद्र
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अगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगा / ख़्वाजा मीर दर्द
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अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें / सुदर्शन फ़ाकिर
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अज़ा में बहते थे आँसू यहाँ / कैफ़ी आज़मी
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अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो / शहरयार
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अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये / निदा फ़ाज़ली
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अपना मन होता है / कमलेश भट्ट 'कमल'
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अपना सुख, अपनी चुभन / कमलेश भट्ट 'कमल'
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अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं / निदा फ़ाज़ली
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है / वसीम बरेलवी
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अपने ताईं तो हर घड़ी ग़म है / ख़्वाजा मीर दर्द
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अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ / क़तील
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अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें / बशीर बद्र
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अब वही हर्फ़-ए-जुनूँ सब की ज़ुबाँ ठहरी है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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अभी इस तरफ़ न निगाह कर / बशीर बद्र
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अश्आर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं / जाँ निसार अख़्तर
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अहल-ए-उल्फ़त के हवालों पे / सुदर्शन फ़ाकिर
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आ चांदनी भी मेरी तरह जाग रही है / बशीर बद्र
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आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ / गुलज़ार
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आँखों में सपने रहे / कमलेश भट्ट 'कमल'
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आँसूओं की जहाँ पायमाली रही / बशीर बद्र
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आज के दौर में ऐ दोस्त / सुदर्शन फ़ाकिर
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आज तुम से बिछड़ रहा हूँ / सुदर्शन फ़ाकिर
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आजकल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
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आते आते मेरा नाम / वसीम बरेलवी
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आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार
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आदमी आदमी को क्या देगा / सुदर्शन फ़ाकिर
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आदमी की कब / कमलेश भट्ट 'कमल'
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आदमी को खुशी से / कमलेश भट्ट 'कमल'
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आपने उसकी तबाही का / कमलेश भट्ट 'कमल'
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आये कुछ अब्र कुछ शराब आये / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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आराइश-ए-ख़याल भी हो / नासिर काज़मी
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आस होगी न आसरा होगा / बशीर बद्र
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इक लफ़्ज़े-मोहब्बत का / जिगर मुरादाबादी
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इक-इक पत्थर जोड़ के मैनें जो दीवार बनाई है / क़तील
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इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े / कैफ़ी आज़मी
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इन आँखों की मस्ती के / शहरयार
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इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात / सुदर्शन फ़ाकिर
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इस तरह हर ग़म भुलाया कीजिये / हसरत जयपुरी
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इसी में ख़ुश हूँ / परवीन शाकिर
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इसी सबब से हैं शायद / जाँ निसार अख़्तर
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उँगलियाँ थाम के खुद / कुँवर बेचैन
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उजड़ी-उजड़ी हुई हर आस लगे / जाँ निसार अख़्तर
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उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं / बशीर बद्र
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उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती / कुमार विश्वास
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उल्फ़त का जब किसी ने / सुदर्शन फ़ाकिर
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उल्फ़त की नई मंज़िल को चला तू / क़तील
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उस शाम वो रुख़सत का समा / इब्ने इंशा
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उसको जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ / फ़राज़
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उसने सुकूत-ए-शब में भी अपना पयाम रख दिया / फ़राज़
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उसूलों पे जहाँ आँच आये / वसीम बरेलवी
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कब तक दिल की ख़ैर मनायें / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कब याद में तेरा साथ नहीं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कभी इसकी तरफदारी / कमलेश भट्ट 'कमल'
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कभी कभी याद में उभरते हैं नक़्श-ए-माज़ी मिटे मिटे से / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता / शहरयार
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कभी तो आसमाँ से चांद उतरे जाम हो जाये / बशीर बद्र
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कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र
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कभी सुख का समय बीता / कमलेश भट्ट 'कमल'
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कमर बाँधे हुए चलने / सैयद इंशा अल्ला खाँ 'इंशा'
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करता उसे बेकरार कुछ देर / नासिर काज़मी
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करिया-ए-जाँ में कोई फूल खिलाने आये / परवीन शाकिर
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कहता हूँ मुहब्बत है ख़ुदा / हनीफ़ साग़र
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कहाँ आँसूओं की ये सौग़ात होगी / बशीर बद्र
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कहीं चांद राहों में खो गया / बशीर बद्र
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कहीं छत थी दीवार-ओ-दर थे कहीं / निदा फ़ाज़ली
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कहीं तो कारवान-ए-दर्द की मंज़िल ठहर जाये / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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क़दम इंसान का राहे-दहर में / जोश मलीहाबादी
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क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे / फ़राज़
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किया इरादा बारहा तुझे भुलाने का / शहरयार
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किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह / क़तील
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किस ने मुझ को सदा दी बता कौन है / बशीर बद्र
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किस-किस तरह से मुझको / शहरयार
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किसी कली ने भी देखा न / नासिर काज़मी
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किसी रंजिश को हवा दो / सुदर्शन फ़ाकिर
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किसे देखें कहाँ देखा ना जाये / नासिर काज़मी
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किसे मालूम, चेहरे कितने / कमलेश भट्ट 'कमल'
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किसे मालूम‚ चेहरे कितने / कमलेश भट्ट 'कमल'
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कुछ तबीयत ही मिली थी / निदा फ़ाज़ली
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कुछ तो एहसास-ए-ज़ियाँ था पहले / नासिर काज़मी
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कुछ तो दुनिया की इनायात / सुदर्शन फ़ाकिर
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कुछ तो मैं भी बहुत दिल का कमज़ोर हूँ / बशीर बद्र
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कुछ तो हवा भी सर्द थी / परवीन शाकिर
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कुछ दिन से इन्तज़ार-ए-सवाल-ए-दिगर में है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कुछ पहले इन आँखों आगे क्या / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कुछ फ़ैसला तो हो / परवीन शाकिर
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कुछ बहुत आसान / कमलेश भट्ट 'कमल'
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कुछ मुहतसिबों की ख़िलवत में कुछ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर / नासिर काज़मी
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कुछ हम भी लिख गये हैं तुम्हारी किताब में / गुलाब खंडेलवाल
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कू-ब-कू फैल गई बात / परवीन शाकिर
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केंचुआ / विजय वाते
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कैसे कह दूँ कि मुलाकात नहीं होती है / शकील बँदायूनी
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कोई काँटा चुभा नहीं होता / बशीर बद्र
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कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गये / बशीर बद्र
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कौन इस राह से गुज़रता है / नासिर काज़मी
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कौन कहता है / जाँ निसार अख़्तर
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कौन जाने इस शहर को / कमलेश भट्ट 'कमल'
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क्या ऐसे कम-सुकन से कोई गुफ्तगू करे / फ़राज़
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ख़ुद अपने ज़र्फ का / हनीफ़ साग़र
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ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे / बशीर बद्र
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ख़ुश रहे या बहुत उदास रहे / बशीर बद्र
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ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में / बशीर बद्र
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ख़ुश्बू है वो तो / परवीन शाकिर
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ख़ून में लथ-पथ हो गये / शहरयार
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ख़्वाब इन आँखों से अब कोई चुरा कर ले जाये / बशीर बद्र
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ख़्वाब-बसेरा - इस वक़्त तो यूँ लगता है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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खामोशी का सामान है / जोश मलीहाबादी
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खुली आँखों में / परवीन शाकिर
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खुलेगी इस नज़र पे / परवीन शाकिर
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ख्व़ाब छीने, याद भी सारी / कमलेश भट्ट 'कमल'
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गये दिनों का सुराग़ लेकर / नासिर काज़मी
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गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर तो देखो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं / क़तील
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ग़म छुपाते रहे मुस्कुराते रहे / बशीर बद्र
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ग़म न हो पास / जानकीवल्लभ शास्त्री
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ग़म बढ़े आते हैं / सुदर्शन फ़ाकिर
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ग़मे-आशिक़ी से कह दो / शकील बँदायूनी
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गाँव मिट जायेगा शहर जल जायेगा / बशीर बद्र
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गिरिफ़्ता-दिल हैं बहुत / नासिर काज़मी
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गुज़रे दिनों की याद बरसती घटा लगे / क़तील
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गुलाबों की तरह दिल अपना / बशीर बद्र
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गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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गो सब को बा-हम साग़र-ओ-बादा तो नहीं था / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चमन में सुबह ये कहती थी / ख़्वाजा मीर दर्द
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चराग़ दिल के जलाओ कि ईद का दिन है / क़तील
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चराग़-ओ-आफ़ताब ग़ुम / सुदर्शन फ़ाकिर
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चलो ना भटके / गुलज़ार
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चश्म-ए-मयगूँ ज़रा इधर कर दे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चांद निकले किसी जानिब तेरी ज़ेबाई का / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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चेहरा मेरा था निगाहें उस की / परवीन शाकिर
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चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया / कुँवर बेचैन
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जब किसी से कोई गिला रखना / निदा फ़ाज़ली
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जब भी तन्हाई से घबरा के / सुदर्शन फ़ाकिर
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जब लगे ज़ख़्म तो / जाँ निसार अख़्तर
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जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं / निदा फ़ाज़ली
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जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र
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ज़ख़्म को फूल तो सर को सबा कहते हैं/ फ़राज़
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ज़ख़्म जो आप की इनायत है / सुदर्शन फ़ाकिर
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ज़बाँ सुख़न को, सुख़न बाँकपन को तरसेगा / नासिर काज़मी
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ज़माना आ गया / बलबीर सिंह 'रंग'
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ज़माना आज नहीं / जाँ निसार अख़्तर
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ज़मीन पर फ़स्ले-गुल आई / शकील बँदायूनी
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ज़रा सा क़तरा कहीं / वसीम बरेलवी
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ज़रा सी बात पे हर रस्म / जाँ निसार अख़्तर
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ज़हानतों को कहाँ कर्ब से फ़रार मिला / निदा फ़ाज़ली
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ज़िन्दगी जब भी तेरी बज़्म में / शहरयार
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ज़िन्दगी तुझ को जिया है / सुदर्शन फ़ाकिर
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ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार
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ज़िन्दगी ये तो नहीं, तुझको सँवारा ही न हो / जाँ निसार अख़्तर
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ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे / फ़राज़
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जाते जाते वो मुझे / जावेद अख़्तर
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जिन प्रेम रस चाखा नहीं / प्यारेलाल शोकी
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जिस मोड़ पर किये थे / सुदर्शन फ़ाकिर
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जीने वाले कज़ा से डरते हैं / शकील बँदायूनी
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जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलौना है / निदा फ़ाज़ली
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जुस्तजू खोये हुओं की / परवीन शाकिर
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जुस्तजू जिस की थी / शहरयार
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जो भी ग़ुंचा तेरे होंठों पर खिला करता है / क़तील
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जो भी दुख याद न था याद आया / फ़राज़
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तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ / फ़राज़
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तन्हा इश्क के ख़्वाब ना बुन / नासिर काज़मी
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तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे / निदा फ़ाज़ली
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तमाम उम्र अज़ाबों का / जाँ निसार अख़्तर
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तुझसे बिछड़ के हम भी मुकद्दर के हो गये / फ़राज़
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तुम आये हो न शब-ए-इन्तज़ार गुज़री है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो / कैफ़ी आज़मी
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तुम क्या गये के रूठ गये दिन बहार के / फ़ैज़
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तुम पूछो और मैं ना बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं / क़तील
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तुम भी ख़फ़ा हो लोग भी बेरहम हैं दोस्तो / फ़राज़
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तुम ये कैसे जुदा हो गये / निदा फ़ाज़ली
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तुमको देखा तो ये ख़याल आया / जावेद अख़्तर
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तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते / क़तील
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तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं / फ़ैज़
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तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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तुहमतें चन्द अपने जिम्मे धर चले / ख़्वाजा मीर दर्द
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तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है / फ़राज़
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तू है या तेरा साया है / नासिर काज़मी
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तूने ये फूल जो ज़ुल्फ़ों में लगा रखा है / क़तील
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तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है / निदा फ़ाज़ली
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तेरी उम्मीद तेरा इंतज़ार जब से है / फ़ैज़