Hindi Literature

नागार्जुन मेघ बजे

धिन-धिन धा धमक-धमक मेघ बजे दामिनि यह गयी दमक मेघ बजे दादुर का कण्ठ खुला मेघ बजे धरती का ह्रदय धुला मेघ बजे पंक बना हरिचन्दन मेघ बजे हल्का है अभिनन्दन मेघ बजे धिन-धिन-धा...

१९६४