Hindi Literature
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CHANDER

प्‍यार में डूबी हुई लड़कियों से

सब डरते हैं

डरता है समाज

माँ डरती है,

पिता को नींद नहीं आती रात-भर,

भाई क्रोध से फुँफकारते हैं,

पड़ोसी दांतों तले उंगली दबाते

रहस्‍य से पर्दा उठाते हैं...

लड़की जो तालाब थी अब तक

ठहरी हुई झील

कैसे हो गई नदी

और उससे भी बढ़कर आबशार

बांधे नहीं बंधती

बहती ही जाती है

झर-झर-झर-झर।

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