CHANDER
एक छोटा-सा
चलता-फिरता
पुस्तकालय है झोला
जिसमें भरी हैं
रहस्यों से भरी
ज़िन्दगी की क़िताबें
इस झोले में
उम्र के अनुभव
भरे हैं
झोले की आँखों से
देखे हैं मैंने
ज़िन्दगी के चेहरे-दर-चेहरे
मेरे कंधे पर लटकता
यह झोला
करता रहा है लम्बी यात्राएँ
घूमता रहा है देश का कोना-कोना
मेरे कंधे से लटकता
यह झोला
मेरा तीसरा हाथ है
इसने दोनों हाथों से भी अधिक
उठाया है वज़न
करता रहा है
मेरी यात्राओं की थकान को कम
इस झोले को
अपने से अलग मत करो
इसे करने दो यात्राएँ
अपने में
भरने दो
दुनिया भर के अनुभव
क्योंकि
जहाँ सदियाँ रुकने को होंगी
यह झोला ही
करेगा गतिशील