Hindi Literature
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<font color=green>'''कविता कोश का पता'''<br></font>
 
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<font size=5>'''www.kavitakosh.org'''</font>
 
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<tr><td style="background-color:#ccd2d9;"><font size=3>&nbsp;'''एक काव्य मोती'''</font></td></tr>
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<font size=3>'''चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह<br>'''
 
<font size=3>'''चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह<br>'''
 
'''जिनको कछु नहि चाहिये, वे साहन के साह'''<br></font>
 
'''जिनको कछु नहि चाहिये, वे साहन के साह'''<br></font>

१६:५२, २८ अप्रैल २००७ का अवतरण

कविता कोश का पता
www.kavitakosh.org

हिन्दी काव्य के इस विशाल संकलन, कविता कोश, में आपका स्वागत है। यह एक खुली परियोजना है जिसके विकास में कोई भी भाग ले सकता है -आप भी! आपसे निवेदन है कि आप भी इस संकलन के परिवर्धन में सहायता करें। देखिये कविता कोश में योगदान कैसे करें। इस समय कविता कोश में १३,५७८ पन्ने बन चुके हैं।


 नयी बात

कविता कोश की चौपाल में भाग लीजिये। इस पन्ने पर आप कविता कोश से जुड़ी किसी भी बात पर चर्चा कर सकते हैं। आपके मन में कोई सुझाव, प्रश्न या टिप्पणी हो तो इस पन्ने पर लिख दीजिये।

 एक काव्य मोती
Pearl

चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह
जिनको कछु नहि चाहिये, वे साहन के साह
कविता कोश में रहीम


 कविता कोश में गज़लो की बहार!

आजकल कविता कोश में बहुत से मशहूर गज़लकारों की रचनाओं को समाहित किया जा रहा है। निम्नलिखित लेखको की रचनाओं का संकलन हाल में शुरु किया गया है:
जिगर मुरादाबादी, जानकीबल्लभ शास्त्री, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, आनंद नारायण मुल्ला , मजरूह सुल्तानपुरी , मीर तक़ी 'मीर' , गा़लिब , मोहम्मद इक़बाल, फ़िराक़ गोरखपुरी, ख़्वाजा मीर दर्द, शकील बँदायूनी, बलबीर सिंह 'रंग', निदा फ़ाज़ली, कमलेश भट्ट 'कमल', दुष्यंत कुमार, हसरत जयपुरी, मीना कुमारी, ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश', गुलज़ार, सैयद इंशा अल्ला खाँ 'इंशा', शहरयार, जोश मलीहाबादी, परवीन शाकिर, बहादुर शाह ज़फ़र, वसीम बरेलवी, नासिर काज़मी, अहमद नदीम काज़मी, कैफ़ी आज़मी, कुँवर बेचैन, बृज नारायण चकबस्त, साहिर लुधियानवी

 कवियों की सूची
Kavicollage

कविता कोश में अब तक हिन्दी के सैकडों कवियों की रचनाओं का संकलन आरम्भ किया जा चुका है। रचनाएँ पढ़ने के लिये देखिये कवियों की सूची



 कविता कोश समाचार
 महत्वपूर्ण कड़ियाँ


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 रेखांकित रचनाकार
Maithilisharangupt
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 1885 ई. में हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली कविता के प्रथम महत्वपूर्ण कवि हैं| पवित्रता, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बंधों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रमुख गुण हैं। कुछ कृतियाँ: सैरन्ध्रीः खंडकाव्य / मैथिलीशरण गुप्त / पृष्ठ 1 , साकेत / मैथिलीशरण गुप्त / प्रथम सर्ग / पृष्ठ १
 रेखांकित रचना
जयशंकर प्रसाद कृत कामायनी। 1935 में प्रकाशित यह रचना हिन्दी काव्य में सूर्य के समान जगमगाती है।