Hindi Literature
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रचनाकार: परवीन शाकिर

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जब आंख में शाम उतरे

पलकों पे शफ़क फूले

काजल की तरह मेरी

आंखों को धनक छू ले

उस वक़्त कोई उसको

आंखों से मेरी देखे

पलकों से मेरी चूमे

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