Hindi Literature
http://www.kavitakosh.org
































CHANDER


अभी चली जाएगी शाम यह

निकट अँधेरे के ।


बुझते प्रकाश में--

मोरों का बोलना

मंडराना चिड़ियों का

पत्तियों का हिलना


सिमटना आकाश का ।


साथ वही, देखो फिर

अनलिखा !