Hindi Literature
http://www.kavitakosh.org
































CHANDER

फिर रेत भरे दस्ताने पहने बच्चों का

इक लम्बा जुलूस निकलते देखने वाले हो

आँखों को काली लम्बी रात से धो डालो

तुम ख़ुशक़िस्मत हो, ऎसे अज़ाब की लज़्ज़त

फिर तुम चक्खोगे।