Hindi Literature
http://www.kavitakosh.org
































CHANDER अगर तुम पूछो
कि आदमी को
किस चीज़ से
ज़्यादा खौफ़ खाना चाहिए
शोर से कि सन्नाटे से
मैं कहूँगा शोर से
इसलिए कि
शोर हम दोनों को पसंद नहीं है

अगर तुम पूछो
कि तुम जो कुछ रोज़ हॉस्पिटल में रहीं
तो मैं तुम में उलझा रहा कि अपनी नज़्म में
मैं कहूँगा नज़्म में, जिसे लिखकर
तुम्हारे नाम करना चाहता था

अगर तुम पूछो
कि मुझे बारिश के दिन अच्छे लगते हैं
कि सर्दियों के
मैं कहूँगा दोनों
क्योंकि दोनों ही मौसमों में
हमारे दुश्मन हमसे ईर्ष्या करते हैं

कोई महंगा तोहफ़ा ख़रीदने से अच्छा है
हम कबाड़िया की बात मान लें
और नज़्मों की कुछ किताबें ख़रीद लें

अगर तुम पूछो
कि नज़्मों की किताबें ख़रीदने से
बेहतर क्या हो जाएगा
मैं कहूँगा
नज़्मों की किताबों की वजह से
तन्हा-तन्हा
उदास-उदास
हमारे दिन हम गुज़ार सकेंगे.