Hindi Literature
http://www.kavitakosh.org
































CHANDER

मेरे कटे हुए सिर का
यदि बनता पेपरवेट
नयनाभिराम
तो वे बहुत खुश होते
रखते मुझे सदा अपनी आंखों के सामने ही
कुलीन शालीन
प्रतिभा के, सौन्दर्य के, गरज़ हर अच्छी चीज के
पारखी वे
लेकिन
यह मेरा सिर
बेहूदा है
किसी जंगली पक्षी के घोंसले जैसा
लेकिन चलो!
उसका एक मुखोश ही बन जाएगा
अफ्रीका और बस्तर के आदिवासी मुखोशों के बीच
दीवार खाली है
उनके ड्राइंगरूम की

मुश्किल यह है/कि यह सिर है या खुराफात!
कभी बन्द न होने वाला एक कारखाना
कविताओं की आधी-अधूरी फैलती-सिकुड़ती
पंक्तियों से भरा हुआ
अपांक्तेय अनुभवों की पंक्तिशेष स्मृतियों से
जिज्ञासाओं से अभीप्साओं से विकल
कवि-माथ!
चाक पर घूमती
अत्यन्त हल्के हाथों सूत से कट जानेवाली
गरदन नहीं है यह
गीली मिट्टी नहीं, पकी हुई इंर्ट है
अकाट्य है त्याज्य है
फेंको इसे दूर घूरे पर
चुपचाप
सिवान पर बढ़ाओ चौकसी
बस्ती में गश्त रात-दिन
हर दिशा में हमेशा ताने हुए बन्दूकें
उपद्रवियों के खिलाफ!