
CHANDER
परछाइयों के बीज़
कुछ इस तरह बिख़र गए
पिछवाड़े
कि खड़े हो गए रातो-रात
अंधेरों के दरख़्त
फूल खिले फिर फल
टपक पड़े बीज़ फट
दरख़्तों से उगे पहाड़
पहाड़ों से परछाइयाँ
पौ फटनी थी कि
छा गया अंधेरा पूरी तरह।
CHANDER
परछाइयों के बीज़
कुछ इस तरह बिख़र गए
पिछवाड़े
कि खड़े हो गए रातो-रात
अंधेरों के दरख़्त
फूल खिले फिर फल
टपक पड़े बीज़ फट
दरख़्तों से उगे पहाड़
पहाड़ों से परछाइयाँ
पौ फटनी थी कि
छा गया अंधेरा पूरी तरह।