Hindi Literature

अंतिम दिन यह दुनिया

कविता होगी

अंतिम वृक्ष

प्रीत के मरुस्थलों

निपजेगी केवल प्रीत

चिड़िया लेगी फिर विश्राम

वृक्षों की रेशमी छाँव में ।


पहले दिन की तरह

अंतिम दिन यह दुनिया-

फिर से तेरी मेरी होगी ।


अनुवादः नीरज दइया